जाना ही था अगर तुम्हे तो आये ही क्यों थे मेरी जिंदगी में तोड़ना ही था मेरे दिल को तो जोड़ा ही क्यों था मेरा ईंटो से बना मकां ही मेरे लिए खास था इसे आशियां बनाया ही क्यों था जाना ही था अगर तुम्हे तो आये ही क्यों थे मेरी जिंदगी में माना मैंने ही सजाएँ थे अरमान जिंदगी बसाने के पर उम्रभर साथ निभाने के तूने भी तो वादे हज़ार किये थे क्या खता हमसे ऐसी हुई जो बीच राह छोड़ गुमनाम हो गये बिन कहे कुछ तुम बहुत कुछ कह गये चलो ठीक ही हुआ तुम चले गये मेरी रूह से बिखर गये जिंदगी की कुछ बातों से हम भी तो निखर गये हालातों से लड़ना हम भी सीख गये बिन तेरे हम भी जिंदगी को जीत लिये