*भावपूर्ण श्रद्धांजलि* *------------------* लो फिर गगन ने गुहार लगाई, एक चमकीले तारे की मांग उठाई, जिसने गर्वित किया मां भारती को, उसी पर है उसने नजर गड़ाई, हे "अटल" हे राष्ट्र के सेवक, कैसे कर दें हम आपकी विदाई। आज मन है द्रवित, कण्ठ भी भरा है,आंखों में आज है सिन्धु समायी, भारतरत्न इस महापुरुष को,हे यम ले जाते तुमको लाज न आई, स्वयं को किया जिसने हिन्द को अर्पित,बोलो कैसे करें हम उसकी विदाई। ध्वजा झुकी है देश रो रहा,हर सीने में करूणा भर आयी, क्या देवलोक में अब पुण्य न रहा,जो धरा से स्वर्ग में पुण्यात्मा बुलायी, हो जाएगी सुनी कविशाला आज से,हे कविराज आपकी कैसे हो विदाई। जिसने दिया हो देश को परमाणु शक्ति,जिसने राजनीति को सहिष्णुता सिखाई, अनेक दलो को जिसने साथ में लेकर,कुशल नेतृत्व में थी सरकार चलाई, आज असहिष्णु हो रही राजनीति से,बोलो कैसे करें सहिष्णुता की विदाई। हर दिल में रहोगे आप अनन्त काल तक,ऐसी है आपकी छवि समायी, महापुरुष हैं आप आपको है अमरत्व मिला,कभी हो न पाएगी इस क्षति की भरपायी, दुःखी मन से आज हर भारतवासी,कर रहा आपकी भावभिनी विदाई।। .............. चन्दन सिंह बलिया। #nojoto #nojotohindi #hindikavita #kavita #poetry #hindipoetry #quotes #atalbiharivajpai #chandansinghballia