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Ruchi Jha
खंडहर बरसों से यहां कोई था नहीं, या होकर भी कोई यहां का हुआ नहीं, तय वक्त के लिए कोई होगा बंधा यहां, जिसको अगले पल जाना कहां ये पता नहीं। भिन्न भिन्न किरदारों से रूबरू करवा रही, हरेक कोना यहां एक नई धुन गुनगुना रही, बेरंग, बेजान, इतर - बितर पड़ी मानवीय कृतियां, बरसों की दास्तानें क्षण में सुना रही। ©Ruchi Jha #खंडहर #Hindi #HindiPoem #hindikavita
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read morevimal_brajwashi
हम जैसे अभागों को कहा मिलता है सरल जीवन मुस्किले आखिर ढूढ ही लेती है हमें ! ©vimal_brajwashi #instawriters #insta #Hindi #HindiPoem #hindikavita life quotes in tamil reality life quotes in hindi life quotes in telugu Kalki shayari on life
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read moreDrNidhi Srivastava
छलके नयन, पर अश्रु न गिरे, अधर मौन की पीड़ा कहें, हृदय में उठी जो हूक मधुर, वह किससे अपनी व्यथा कहें? चंपा की शीतल छाया में, विरह का दीप जलाया था, स्वप्नों के नूपुर टूट गए, जब तेरा नाम बुलाया था। संध्या के अंतिम किरण तले, बैठी थी मैं एकाकी-सी, स्मृतियों के जाल में उलझी, बिखरी थी मैं बिन साखी-सी। बंसी की वह तान अधूरी, अब मन को और तड़पाती है, गीतों में जो गूँज थी पहले, वह शोक-स्वर बन जाती है। प्रिय! तुम थे तो हर ऋतु मधुमय, बिन तेरे सब कुछ रीता है, अब पुष्प खिले तो शूल बनें, यह मिलन अधूरा जीता है। ©DrNidhi Srivastava #poem #Poetry #hindipoet #hindikavita #fyp #foryoupage #seetji #ramayana
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read moreRuchi Jha
दुनिया करती हैं तो मैं भी कर दूंगा, इस ख़ुशफहमी में न रहना, किसी भी भीड़ में साथ चल दूं, यें पूछ कर शर्मिंदा न करना, जिद्दी, हटी या अक्ल से पैदल, जो भी कहना हो तुम्हें वो कह देना, आज़ाद हो तुम भी मेरी तरह, बंदिशों में खुद को न रखना, दम घुट जाए मेरा या तुम्हारा, मंजूर इन में से कुछ भी नहीं, चुनाव अलग पथों का कर लेना, किसी मोड़ पर मिल जाए तो, क्षण भर का साथ , साथ में तय कर लेना, गलत सही तय करने से पहले, कभी खुद को मेरी जगह, तो मुझे कभी अपनी जगह रख लेना। ©Ruchi Jha #Hindi #HindiPoem #hindikavita #hindipoet
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read moreNankeshwar R.
White इश्क, मोहब्बत, प्यार, ये सब बच्चे करने लगे है, चलो मैं कुछ नया करता हूं । ©Nankeshwar R. #motivacion #hindiquotes #hindikavita #2linespoetry
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read moreTanha Shayar hu Yash
White ** जो शिकायत है मुझसे, तो मेरी आँखों में रो ले, क्यों दुनियां में गिरकर, तू अपना वजूद खोता है ** ** कुछ ख़ास होते है लम्हे, उनको चुन चुनकर रख ले, क्यों वक़्त के दरियाँ में, तू मेरे हसीन पल खोता है ** ** हार कर बाज़ी 'तनहा' मेरे, तुम जीत गए सबकुछ, जो तू एक अश्क रोया है, मैंने सो बार चेहरा धोया है ** तनहा शायर हूँ यश . ©Tanha Shayar hu Yash #Thinking #Hindi #hindikavita
Saket Ranjan Shukla
76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वतंत्रता के बाद की अगणित अव्यवस्थाएँ सुलझाने को, भारतवर्ष के जन-जन को, समान स्वाधीनता दिलवाने को, परस्पर प्रेम, सौहार्द और सामंजस्यता का भाव जगाने को, खंड-खंड में बँटी हमारी मातृभूमि को पुनः सशक्त बनाने को, रियासती व मनसबदारी रीतियों से, निजात पाना जरूरी था, सांप्रदायिकता भुलाकर, सर्व-धर्म समभाव आना जरूरी था, शासक और प्रजाजन के बीच के भेद को मिटाना जरूरी था, सबका हो सम्मान समान, ऐसा गणराज्य बनाना जरूरी था, फिर भारतीय जनमानस की एक अनूठी आस प्रतिफलित हुई, सन् 1946 के त्रासदीग्रस्त हिंदुस्तान में, एक सुघटना घटित हुई, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में संविधान सभा जो गठित हुई, प्रारूप समिति अध्यक्ष डॉ० भीमराव अंबेडकरजी से सज्जित हुई, सरदार पटेल व 299 सदस्यों को, लोकतंत्र रचने का सम्मान मिला, भारत के भविष्य को गढ़ने और सँवारने, सँभालने का कमान मिला, दो साल ग्यारह महीनों एवं कई बैठकों का अंततः यह परिणाम मिला, स्वतंत्र भारतीयों को 26 जनवरी 1950 में संविधान का वरदान मिला, आइए हम सब लोकतांत्रिक भारत में गणतंत्रता का ये महापर्व मनाते हैं, राष्ट्रध्वज समक्ष राष्ट्रगान गाते हुए, जय हिंद, वंदे मातरम के नारे लगाते हैंl IG:— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla 76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
76वें गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength
read moreKusumakar Muralidhar Pant
कितना भी हो, ज़हरीला गरल, घूँट दर घूँट तुम्हें, उसको निगलना होगा, अब माँ के बिना, जीवन नहीं सरल, फिर भी, हे निडर ! वीर तुम्हें चलना होगा! जो सत्ता के व्यापारी थे, जो जेलों के अधिकारी थे, उनकी तुमने कर दी, जतन से समस्या बोझल, ऐसी ज़ोर की खाई है, कि सांस लेते, कटता नहीं पल, मृत्यु को भी आगे तुम्हारे, थक-हार के बस टलना होगा, अब माँ के बिना, जीवन नहीं सरल, फिर भी, हे निडर ! वीर तुम्हें चलना होगा! आ गयी विपदा गंभीर मगर, तुमने डटकर निस्तार किया, चहुँ ओर सबका सम्मान पाया, गरीबों को नया संसार दिया, पालन- पोषण सब सीखा है, जग- सागर को तरना होगा, अब माँ के बिना, जीवन नहीं सरल, फिर भी, हे निडर ! वीर तुम्हें चलना होगा! ©Kusumakar Muralidhar Pant #nojoto #nojotokavita #hindikavita hindi poetry on life poetry lovers hindi poetry
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read moreKusumakar Muralidhar Pant
भारत का सपूत यही है, मिटाना हर भ्रान्ति को ही है, अंग्रेज़ भी करते प्रशंसा, देखते कैसे हुआ ये अचंभा, गुरु ज्ञान से राह दिखाई, जिसमेें निहित थी प्रभुताई, भारत के युगपुरुष बनके, विदेशों में भी खूब चमके, नरेन्द्रनाथ बना विवेकानंद, जैसे फूल में हो मकरंद, अपनी आभा सर्वत्र पहुंचाई, जैसे सूर्य की तरुणाई, कोई दैवीय कारण था, जैसे इनका अवतरण था, ऐसा व्यक्तित्व किसी ने ना पाया, स्वप्न जैसे सच हो आया, आओ हम भी प्रण लें, भारत को मन में धर ले, लहरा दे झंडा फिर से देश का, नारा बने जो विदेश का, ज्ञान - योग का सार देकर, सिरमौर बनें ऐसा प्यार देकर। ©Kusumakar Muralidhar Pant #nojoto #nojotokavita #hindikavita poetry in hindi hindi poetry poetry lovers #VivekanandaJayanti
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read moreKusumakar Muralidhar Pant
वीर की जवानी देखो, इरादा ये तूफानी देखो, एक एक कर गोली खाते ही चले गये, बात हो ये जंग की, जवान की उमंग की, कि लाल लहू में होली मनाते ही चले गये। दुश्मन को देना दंड था, क्योंकि उसे घमंड था, छोटे बड़े शत्रु सामने आते ही चले गये, युद्ध बड़ा भीषण था, हौसलों का परीक्षण था, भाग सारे अरि दुम दबाते ही चले गये। द्वन्द्व का ये ताप देखो, वैरी का संताप देखो, मुंह की खाये सारे लड़खड़ाते ही चले गये, देश रहे ये महान, हीरों की है ये खान, जो भी लड़े वो जीत पाते ही चले गये। भू, जल, आकाश, सभी में है प्रकाश, देशप्रेम का झंडा लहलाहते ही चले गये, पदकों की कमी नहीं है, वैरी को ज़मीं नहीं है, कितने साल आए, कितने जाते ही चले गये। ©Kusumakar Muralidhar Pant #IndianArmy #nojoto #deshprem #Deshbhakti #veerras #nojotokavita #hindikavita #kusumakarpant hindi poetry
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