आओ जरा याद करें स्वाधीनता की वो कहानी
सुन कर तुमको भी लगेगी वो जानी पहचानी
जली ज्वाला 57 में चमकी एक तलवार पुरानी
दिया वीरता का परिचय ,थी झांसी की वो रानी
मेरठ छावनी से एक टुकड़ी दिल्ली हुई रवाना
जिसने बूढे बाहदुर को अपना शासक माना
इस क्रांति ने अंग्रेजो की जड़ से नीव हिलाई थी
हिन्दुस्तानी है एक पहचान #IndependenceDay