#sadak हरेक इंसान भी यही और इंसानियत भी यहीं,हो जाती है जाहिर हैवान की हैवानगी भी यहीं//१
होकर शादमा मिरी जान मुझसे मिल तो सही,के
घुटकर मर जाती है सात पर्दों में दीवानगी भी यहीं//२
तमाम तसव्वुर को करके तर्क,तिरी याद को दिल में लिए,तभी तो छाई है सूरत पे बेचारगी भी यही//३
हाय रह गई आईने में अक्स की हकीकत भी धरी,के अक्सर छोड़ जाती है पेशानी पर हैरानगी भी यहीं//४ #writersofindia#nojotohindi#poetsofindia#NojotoFilm#poetrycorner#nojotocreator#shamawritesBebaak