एक पातीं पत्नी के नाम मेरा और तुम्हारा रिश्ता सिर्फ पति पत्नी का ही नही । एक बंधन है , एक विश्वास है , एक भरोसा है।। जब मैं रूठू तो तुम मना लेना , तुम रूठो तो मैं मना लूंगा। झगड़ो , गुस्सा होने में भी प्यार छुपा है, सारे गिले शिकवे छोड़ कर एक दूसरे को माना लेना।। माना की घर की जिम्मेवारियां बढ़ने सी लगी है। शरीर थकने सा लगा है , आंखे धुंधली सी होने लगी हैं।। तुम्हारी आंखे बन कर मैं तुम्हे थाम लूंगा। हर पल, हर लम्हों , में सिर्फ तुम्हारे ही साथ मैं हूंगा।। बच्चों को जन्म देने से भरण पोषण तक , न जाने कितने कष्टों को तुमने सहा होगा।। लेकिन याद करो हर उन मुश्किल समय में भी मैं तुम्हारा साया बनकर खड़ा रहा हूंगा।। जब हड्डियां कमजोर हो जाएंगी, पैर जब लड़खड़ाने लगेंगे तो। तब भी मैं अपने कंधे लिए तुम्हारा सहारा बनूगा। अभी हम क्यों हम तुम, तुम गलत , मैं सही , ये सही ,ये गलत। क्या हम उन सभी से ऊपर सिर्फ हम को ही क्यों न एकाकार किया जाए। पति पत्नी के रिश्तों की मधुरता , चांदनी सी शीतलता लिए सुखद हवा के झोंके सी होती हैं। जो शायद थोड़ी सी ढील मिलने पर , शायद बिखर सी जाती है। मेरे हर भरोसे , विश्वास को बनाया रखना ।। अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूं की मैं हर पल, हर दिन , हर साल, हर हाल में तुम्हारे ही साथ हूं , ये विश्वास मैं तुम्हे दिलाना चाहता हूं।।👩❤️💋👨👨👩👧 संजय ब्लॉग से साभार।। ©Sanjay Mishra पत्नी के नाम पति के प्यार की कुछ पंक्तियां...