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अगर अव्यक्त को व्यक्त करना हो तो हमें "कल

अगर  अव्यक्त   को  व्यक्त  करना हो तो  
हमें   "कला "  का   सहारा लेना होगा  
यतो हमें  मूर्तिकार बन कर   उस  कल्पित  अव्यक्त  चीज की  मूर्ती  बनानी  पड़ेगी  
या फिर   ह्रदय  की  गुफा  से  ु  कल्पना क़े  अव्यक्त रूप को  
व्यक्त करने क़े. लिए  कोई  कविता   कागज़ पर  उतारनी 
पड़ेगी   
जहां तक सवाल  प्रकृति  क़े  व्यक्त स्वरूप और 
परमात्मा क़े  अव्यकत  निराकार  रूप को  उजागर .  
करने  का  है  उसके लिए  ध्यान  और  मौन की  साधना  से  
गुजर कर  साक्षित्व क़ि  दिव्य   आँख  पैदा 
करनी पड़ेगी # व्यक्त  और  अव्यक्त.....
अगर  अव्यक्त   को  व्यक्त  करना हो तो  
हमें   "कला "  का   सहारा लेना होगा  
यतो हमें  मूर्तिकार बन कर   उस  कल्पित  अव्यक्त  चीज की  मूर्ती  बनानी  पड़ेगी  
या फिर   ह्रदय  की  गुफा  से  ु  कल्पना क़े  अव्यक्त रूप को  
व्यक्त करने क़े. लिए  कोई  कविता   कागज़ पर  उतारनी 
पड़ेगी   
जहां तक सवाल  प्रकृति  क़े  व्यक्त स्वरूप और 
परमात्मा क़े  अव्यकत  निराकार  रूप को  उजागर .  
करने  का  है  उसके लिए  ध्यान  और  मौन की  साधना  से  
गुजर कर  साक्षित्व क़ि  दिव्य   आँख  पैदा 
करनी पड़ेगी # व्यक्त  और  अव्यक्त.....

# व्यक्त और अव्यक्त.....