दिल का नही ज़नाब! इन गुस्ताख़ नज़रों का कसूर है, हमे नही होता इश्क़ बस दिल वक्त के हाथों मजबूर है, ये इश्क़ विश्क़ तो वाकई में नजरों का धोखा होता है, कर ये गुनाह हम खुद से हो जाते कई कोसों दूर है, बहका अपनी प्रेमभरी बातों औऱ इश्क़ के जाल में, फिर उसको अपनी दिवानगी पर होता बड़ा ग़ुरूर है, इन किस्मत के सितारों को कहीं जगह मिल जाये तो, सौभाग्य होगा वहीं स्थान ही मेरा होगा कोहिनूर है।। ♥️ Challenge-579 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।