Nojoto: Largest Storytelling Platform

जूझते रहे अंतर्मन के अंतर्द्वंद से हम कहकर छूट जा

जूझते रहे अंतर्मन के अंतर्द्वंद से 
हम कहकर छूट जाने की कला नहीं सीखे
लिए फिर है मणभर बोझ मनों में 
धीरे धीरे लगा है कुन्टल में बदलने 
कोई नहीं लगता जो भंवर में साथ उतर पाए 
 तूफान  तो हम किनारों तक खींच ही लाएं 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla वजनRavi Ranjan Kumar Kausik Neel Ambika Mallik KK क्षत्राणी RAMA Goswami R... Ojha
जूझते रहे अंतर्मन के अंतर्द्वंद से 
हम कहकर छूट जाने की कला नहीं सीखे
लिए फिर है मणभर बोझ मनों में 
धीरे धीरे लगा है कुन्टल में बदलने 
कोई नहीं लगता जो भंवर में साथ उतर पाए 
 तूफान  तो हम किनारों तक खींच ही लाएं 
बबली भाटी बैसला

©Babli BhatiBaisla वजनRavi Ranjan Kumar Kausik Neel Ambika Mallik KK क्षत्राणी RAMA Goswami R... Ojha