जीने का आधार है वृक्ष। वायु का आधार है वृक्ष। हम जीवित तभी हैं जब वृक्ष हैं। धरती को सुन्दरता का आधार है वृक्ष। मानव इतना स्वार्थी हो गया कि अपना इच्छाओं के लिए पेड़ो को मार दिया। बिना दया के कुल्हाड़ी पकड़ कर पेड़ो को काट दिया। इस धरती पे करो एक उपकार। एक पेड़ काटने पर चार पेड़ लगाओ हर बार। -✍️ निर्मल कुमार गुप्ता ©Nirmal Gupta #savetree#poetry#writer#lireature#comment#follow#kavi