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White चल चल री मंजिल की ओर, बिना मचाए शोर। जीवन

White चल चल री  मंजिल की ओर,
बिना मचाए शोर।

जीवन पर किसी का नहीं है जोर,
ईश्वर के हाथ में है सबकी डोर।

होने वाली है भोर,
अभी है काली घटा घनघोर।

खुशियां छाई है चारों ओर,
पंछी मधुर गीत सुनाए चहुं ओर।

जंगल में नाच दिखाए मोर,
नहीं रहना मानव बस्ती में और।

©Shishpal Chauhan
  # मंजिल

# मंजिल #कविता

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