कबतक अपने आप से यूं जुदा करूं खुदको,
सोच रहा हूं कि कभी कभी कुछ देर मिला करूं खुदको।
सारी जिंदगी तो मुझे मोहब्बत निभानी है खुदसे,
सोचता हूं कि कुछ वक़्त दिया करूं खुदको।
अक्सर तो खामोश रहने को केहता हूं खुदसे
आखिर कब तक अनसुना करूं खुदको।
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