जिसे समझा था हमदर्द अपना वो दर्द देके चला गया उसका तो कुछ न गया मगर मेरा सब कुछ चला गया में खड़ा रहा उसी मोड़ पे मगर न जाने वो किस ओर मुड गया जिसे समझा था हमने हमदर्द अपना वो तो बस दर्द देके चला गया