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कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें, न जाने क्यो

कितनी नदियां सीमेंट के समा गईं जिसमें,
न जाने क्यों समंदर भी मुझे, प्यासा दिखा।

सब अधूरे हैं बादलों के बिना, जहां-जहां भी 
नज़र डाली ,तड़प का अलग ही एक नजारा देखा।

©Anuj Ray
  #सब अधूरे हैं बादलों के बिना"
anujray7003

Anuj Ray

Bronze Star
New Creator
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#सब अधूरे हैं बादलों के बिना" #शायरी

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