वो बोले यही हवाएं है,इन्ही के साथ बहना होगा हम जो कहेंगे,तुम्हे वही कहना होगा जुर्म का मापदंड अब हमारे पैमाने पर होगा सज़ा जो भी देंगे,तुम्हे सहना होगा हमारे इशारे पर चलोगे,वफादार भी रहोगे ये पट्टा ही तुम्हारे गले का गहना होगा खुशबू सिर्फ हमारे नाम की फिजा में फैलेगी बाकी सारी खुशबूओं को फ़िज़ा से वंचित रहना होगा अब से हम ही बतायेंगे इस सूरज को अब उगना होगा,कब ढहना होगा वो बोले यही हवाएं है,इन्ही के साथ बहना होगा ©क्षत्रियंकेश गहना!