इक बुत को बनाके निशाना पत्थर से मारते हो, इंसानियत के शैतानों को मारो तो कोई बात बने। कत्लेआम मचाते हैं जो मासूमों को मार कर, अरे उनपर पत्थर बरसाओ तो कोई बात बने। रस्मों रसूख की बातें तो सब करते हैं मिलकर अरे उनको अमल में लाओ तो कोई बात बने। शैतानियत का पाठ पढाकर शैतान बनाते क्यूं हो, अरे इंसानियत का पाठ पढाओ तो कोई बात बने। भगवान, अल्लाह, यीशु को मानने वालों, हर धर्म की इज्जत करना सिखाओ तो कोई बात बने। ✍ लक्ष्मीनरेश ✍ #InspireThroughWriting मक्का मे हज़ के दौरान भगदड़ मचने पर काफी हाजी मारे गये थे।