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मिलूंगा, मैं तुमसे फ़िर मिलूंगा पर कहां, मुझे माल

मिलूंगा, मैं तुमसे फ़िर मिलूंगा
पर कहां, मुझे मालूम नहीं
शायद तुम्हारे मन में चल रहे उधेड़ बुन
से प्रेरित होकर इक नज़्म बनकर उभरूंगा
या तेरे नज़्मों में एक अनजाना
लफ्ज़ बनकर तुम्हें निहारता रहूंगा
मिलूंगा, मैं तुमसे फ़िर मिलूंगा
पर कहां, मुझे मालूम नहीं.... #nojoto #love #poem #poetry #nojotohindi #lovequotes #sahilbhardwaj #hindi #wod #नज़्म
मिलूंगा, मैं तुमसे फ़िर मिलूंगा
पर कहां, मुझे मालूम नहीं
शायद तुम्हारे मन में चल रहे उधेड़ बुन
से प्रेरित होकर इक नज़्म बनकर उभरूंगा
या तेरे नज़्मों में एक अनजाना
लफ्ज़ बनकर तुम्हें निहारता रहूंगा
मिलूंगा, मैं तुमसे फ़िर मिलूंगा
पर कहां, मुझे मालूम नहीं.... #nojoto #love #poem #poetry #nojotohindi #lovequotes #sahilbhardwaj #hindi #wod #नज़्म