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पता ही न चला, नाराज़गी क्या थी, एक दर्द का अहसास औ

पता ही न चला, नाराज़गी क्या थी,
एक दर्द का अहसास और बिछड़ते चले गए।

रिश्तों को सम्हालना तो, बस मेरा फितूर था,
कहीं वो दूर न हो जाए, हम झुकते चले गए।

🍁🍁🍁

©Neel
  दर्द का अहसास 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
Growing Creator
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दर्द का अहसास 🍁 #शायरी

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