#Lohri कैसी कसक है इन तीन शब्दों मे क्या ये. महज़ इत्तीफाक है की सभी भाषाओं मे "नींद या निद्रा " एक स्त्री लिंग वाचक शब्द है नींद का ज़ब भी अनुभव होता है वह इक कोमल भाव स्त्री क़े नर्म रेशमी आलिंगन की भाँती होता है दिन भर की आपधापी क़े बाद व्यक्ति ज़ब बिस्तर पर लेटता है और चारों ओर अँधेरे का गुबद उसको घेर लेता है तब उसे अँधेरे से भय नहीं होता क्योंकि यह अपने साथ एक मीठी विश्रामपूर्ण मूर्छा को लेकर आता है l आमतौर पर अंधकार से डरने वाला व्यक्ति उसके आगोश मे ख़ुशी ख़ुशी प्रवेश करता है क्योंकि वह उसका मिलन उसकी प्रियतमा नींद से कराने का आश्वासन देता . है ©Parasram Arora नींद ..... निद्रा.....