ऐ सनम, जो इश्क है हमे आपसे उसे अधुरा न समझना अब जो भी हो, तुम संग एक जहां बसाना है तु हीर सी मेरी है, तो मैं तेरा रांझा ये बात अब सभी को बताना है जो आंसू बह गए, सो गए अब और नहीं बहाना है जो तुझे प्यार सिर्फ मुझसे ही है तो फिर जितनी भी हो मजबुरियां तुम्हें किसी ओर की बाहों में नहीं जाना है कुछेक बातें होंगी, रूह की गहराइयों मे सब निकाल दुँगा, अब आपसे कुछ नहीं छिपाना है ऐ सनम, जो हक सिर्फ मेरा है आप पर, तो वो हक मुझे हर बार जताना है अपनी कुछ उल्टी-सीधी बातों से, आपकों फिर से सताना है किये कई वायदें है हमने एक-दूसरे से, उन सारे वायदों को निभाना है ओ सनम, बाँट कर खुद को, मुझे नहीं न रुलाना है?? #ऐ_सनम