युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है भारत का सम्मान बढाया है चहुँदिस दुश्मन छाया है पर राम धुन जग में रमाया है छप्पन इंच का सीना दुनिया को दिखाया है युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है सदियों से चाटुकार का बोलबाला था जग में नाम खूब घिनाया था सिर्फ अपने परिवार का नाम बढाया था परिवार के नाम से शिला पट लगवाया था हिन्दुस्तान को गर्त में मिलाया था युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है सौभाग्य है भारत माँ का फिर से ऐसा शासक आया है फिर से दुनिया में भारत का डंका बजाया है कश्मीर में तिरंगा लहराया है 370 को खात्मा कर दुनिया को दिखाया है देश द्रोही का छक्का छुड़ाया है युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है कर्तव्यनिष्ठ कर्मवीर बन तू गद्दी पर बैठा है घर द्वार सब त्याग कर भारत को राह दिखाया है लालची देशद्रोही का मन घबड़ाया है फिर से नया सवेरा आया है कुसुम की सुगंध बन दुनिया को महकाया है युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है (संगीत कुमार /जबलपुर) ✍🏽✍🏽स्व-रचित 🌹🌹 युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है भारत का सम्मान बढाया है चहुँदिस दुश्मन छाया है पर राम धुन जग में रमाया है छप्पन इंच का सीना दुनिया को दिखाया है युग पुरूष बन गद्दी पर बैठा है सदियों से चाटुकार का बोलबाला था