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तेरे चेहरे को जो मिल जाये हमारी आँखें। फिर तुझे


तेरे चेहरे को जो मिल जाये हमारी आँखें। 
फिर  तुझे हम न कभी गैर दिखाई देंगे।। 
      वसीम रिजवी (बरेलवी) 
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     मेरा जबाब। ---
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मेरे चेहरे पे हैं मौजूद  तुम्हारी आंखें कैसे माना कि मुझे गैर नजर आते हो। 
तुम तो वह शख्सियत हो मेरे लिए दिल तो क्या चीज है रूह में उतर जाते हो।। 
मेरे चेहरे पे हैं मौजूद तुम्हारी आँखें....... 
कैसे कह दूं कि तुम्हें प्यार नहीं करता हूं । 
यह अलग बात है इकरार नहीं करता हूं।। 
तुम ही हो जो मुझसे जुदा रहते हो मेरे दिल से भी इतर जाते हो।। 
मेरे चेहरे पर मौजूद तुम्हारी आंखें ।
मै तुम्हेँ चाहता हूं इसमें बुरा क्या है। 
खता है दिल की बता मेरी खता क्या है।। 
तुम इतने हसीं इतने खूब सूरत क्यों हो देखते देखते ही दिल पे असर लाते हो।। 
मेरे चहरे पे हैं मौजूद तुम्हारी आँखें।। 
जब  भी देखा  है तुम्हें दिल ने बहुत प्यार किया। 
मेरे इस दिल को तेरी उल्फत ने बेकरार किया।। 
तड़फता रहता है सुबह ओ शाम तसब्बुर में  तुम्हारे यूं ही और तुम हो कि छिप छिप के नजर आते हो। 
मेरे चेहरे पे है मौजूद तुम्हारी आँखें।।।। 

   Ashutosh Aman।
   Ashutosh Aman।

©Aashutosh Aman.
  #tumhariankhien