ये कैसा इश्क किया हमने के खुद के भी हो न सके उनकी राह में हमारा घर तो था हम उनकी मंजिल हो न सके खुदा ने लिख दी प्रेम की तक़दीर में फिर वही मजबूरियां हम ने सफर में ही रखा एक दूजे को हमसफर हो न सके।। मैं यहाँ तू वहाँ, जिंदगी है कहाँ ??? Pari aggarwal Lakshmi singh Soumya Jain