तेरी झलक में दशासुमेध की आरती, अभाव में दूर समाहित ज़मीं-आसमाँ हो तुम... गोधुल में बिखरा शाम मैं, रवि के पहले किरण की पयाम हो तुम...।। ©Shashikant Yadav #ख्यालात