उन अरमानों को खोजता है , बचपन के जो ख्वाब थे , दिलो के जब हम नवाब थे , उन हाँथो की लाकीर के , जिनके हम फ़कीर थे । कितने दिन हो गए हैं आपको, घर से बातें किये। अब तो नए साल का जश्न भी ख़त्म हुआ जाता है। घर पूछ रहा है। #घरपूछताहै #collab करें #yqdidi के साथ। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi