आज भी याद हैं बचपन की वो हस्ती, बना कागज़ की नाव दूर देश जाती थी वो कश्ती, आज तक तरस गये नहीं मिली वो बचपन की सुहानी मस्ती। #बचपन #बचपन_के_वो_दिन #hkkhindipoetry #योरकोटबाबा #poetrycommunity #yourquotes #कश्ती