भूल हर दर्द को जिंदगी में आगे बढ़ रहे हैं हम। बड़ी मुश्किलों के बाद हां अब संभाल रहे हैं हम। नादां थो जो फस गए तेरे झूठे वादों के चक्रव्यु में। तेरे झूठ से आहिस्ता-आहिस्ता उबर रहे हैं हम। कर लिया था विश्वास तुझ पर खुद से ज्यादा। इसी विश्वास की कीमत अब चुका रहे हैं हम। तेरे ज़ख्मों से छल्ली हो गया है दिल फिर भी सिर्फ अपनों के लिए हां अब मुस्कुरा रहे हैं हम। गुज़रें उन पलों को धीरे धीरे दिल से निकाल रहे हैं । पुराने रिश्ते से निकलकर अब नए रिश्ते बना रहे हैं हम। जैसे भी हो जो भी हो कुछ भी करके इस जीवन में। खुशियों के संग मुस्कुराते हुए हां अब आगे बढ़ रहे हैं हम। #december #day20 #December #nayerishte #Rishtey