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करमाल छन्द  112   211    221   122 उसका मान करूँ

करमाल छन्द 
112   211    221   122

उसका मान करूँ मैं बनवारी ।
वह जो जीवन देती महतारी ।।
जग में वो सबसे सुंदर माता ।
तुमसे मैं कहता हूँ अब दाता ।।

उसका साथ मिला तो पहचाना ।
यह तो जीवन है एक खजाना ।।
हमको मंदिर से क्या अब लेना । 
घर दुर्गा रहती है कह देना ।।


०३/०१/२०२३    -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR करमाल छन्द 

112   211    221   122


उसका मान करूँ मैं बनवारी ।

वह जो जीवन देती महतारी ।।
करमाल छन्द 
112   211    221   122

उसका मान करूँ मैं बनवारी ।
वह जो जीवन देती महतारी ।।
जग में वो सबसे सुंदर माता ।
तुमसे मैं कहता हूँ अब दाता ।।

उसका साथ मिला तो पहचाना ।
यह तो जीवन है एक खजाना ।।
हमको मंदिर से क्या अब लेना । 
घर दुर्गा रहती है कह देना ।।


०३/०१/२०२३    -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR करमाल छन्द 

112   211    221   122


उसका मान करूँ मैं बनवारी ।

वह जो जीवन देती महतारी ।।

करमाल छन्द  112   211    221   122 उसका मान करूँ मैं बनवारी । वह जो जीवन देती महतारी ।। #कविता