दोस्ती में दरार आने के बाद..... ++++++++++++++++ दूरियों का इल्ज़ाम मुझ पर न डाल दोस्त मिलने का वक़्त कभी तू भी निकाल दोस्त तेरे किरदार पे ही उठ जाएगें सवाल कई मेरे क़त्ल को न इतना तू उछाल दोस्त महफिलों में हमसे मिल लिया कर हंस के लाख भले दुश्मनी दिल में तू पाल दोस्त जी खोल के ढा तू सितम हम पर उफ़ निकले मुंह से है क्या मज़ाल दोस्त खंज़र छिपा होता है , तेरे गुलदस्ते के अंदर समझता हूं मैं ख़ूब तेरी हर चाल दोस्त घटियापन न आने पाए अदावत* में हमारी है बरसों पुरानी दोस्ती का सवाल दोस्त ' रवि ' के दिल में बरक़रार है जज़्बा ए दोस्ती तुम्हारे दिल में ही है कोई मलाल दोस्त अदावत : दुश्मनी ' ©Ravi GuptaRT✍️ धोखेबाज दोस्त #Winter