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प्रिय विभा, मैं कुशलपूर्वक हूँ और आपकी कुशलता की

प्रिय विभा,

मैं कुशलपूर्वक हूँ और आपकी कुशलता की आकांक्षा करती हूँ। आपने मेरी to-do list में जो अनगिनत कार्य जोड़ दिए हैं अपने पिछले खत में, उनको पूर्ण करते करते दिन निकल जाता है । दीवाली भी द्वार पर आ ही गई है, घर की साफ सफाई भी शुरू करना है। मैं आशा करती हूँ कि आप भी अपने लक्ष्यप्राप्ति के मार्ग पर पूर्ण एकाग्रता से  जुटी होगी।

उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ आपके पत्र की प्रतीक्षा में,
आपकी,
विभा। बचपन मे बुआ, मौसी, दीदी , सहेली के पत्र कुछ इस तरह ही हुआ करते थे। 
************************
9 अक्टूबर 1969 को यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस  ने टोक्यो में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन UPU (जिसका गठन 1874 स्विट्जरलैंड में हुआ था) की वर्षगांठ के दिन हर वर्ष 9 अक्टूबर को World Post Day मनाने का निर्णय लिया। तभी से विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। 

समस्त विश्व को एक तार से जोड़ने का माध्यम बना है डाक। आधुनिक संचार क्रांति से पहले तक दूर दराज़ बैठे लोगों से बात करने का माध्यम डाक ही था। आज भी बहुत से ऐसे प्रदेश हैं जहाँ डाक का उतना ही महत्व है जैसा कि पहले था।

आज के दिन लेखन के लिए विषय है, ख़ुद अपने लिए एक पोस्टकार्ड लिखें।
प्रिय विभा,

मैं कुशलपूर्वक हूँ और आपकी कुशलता की आकांक्षा करती हूँ। आपने मेरी to-do list में जो अनगिनत कार्य जोड़ दिए हैं अपने पिछले खत में, उनको पूर्ण करते करते दिन निकल जाता है । दीवाली भी द्वार पर आ ही गई है, घर की साफ सफाई भी शुरू करना है। मैं आशा करती हूँ कि आप भी अपने लक्ष्यप्राप्ति के मार्ग पर पूर्ण एकाग्रता से  जुटी होगी।

उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ आपके पत्र की प्रतीक्षा में,
आपकी,
विभा। बचपन मे बुआ, मौसी, दीदी , सहेली के पत्र कुछ इस तरह ही हुआ करते थे। 
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9 अक्टूबर 1969 को यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस  ने टोक्यो में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन UPU (जिसका गठन 1874 स्विट्जरलैंड में हुआ था) की वर्षगांठ के दिन हर वर्ष 9 अक्टूबर को World Post Day मनाने का निर्णय लिया। तभी से विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। 

समस्त विश्व को एक तार से जोड़ने का माध्यम बना है डाक। आधुनिक संचार क्रांति से पहले तक दूर दराज़ बैठे लोगों से बात करने का माध्यम डाक ही था। आज भी बहुत से ऐसे प्रदेश हैं जहाँ डाक का उतना ही महत्व है जैसा कि पहले था।

आज के दिन लेखन के लिए विषय है, ख़ुद अपने लिए एक पोस्टकार्ड लिखें।
vibhakatare3699

Vibha Katare

New Creator

बचपन मे बुआ, मौसी, दीदी , सहेली के पत्र कुछ इस तरह ही हुआ करते थे। ************************ 9 अक्टूबर 1969 को यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस ने टोक्यो में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन UPU (जिसका गठन 1874 स्विट्जरलैंड में हुआ था) की वर्षगांठ के दिन हर वर्ष 9 अक्टूबर को World Post Day मनाने का निर्णय लिया। तभी से विश्व डाक दिवस मनाया जाता है। समस्त विश्व को एक तार से जोड़ने का माध्यम बना है डाक। आधुनिक संचार क्रांति से पहले तक दूर दराज़ बैठे लोगों से बात करने का माध्यम डाक ही था। आज भी बहुत से ऐसे प्रदेश हैं जहाँ डाक का उतना ही महत्व है जैसा कि पहले था। आज के दिन लेखन के लिए विषय है, ख़ुद अपने लिए एक पोस्टकार्ड लिखें। #Collab #YourQuoteAndMine #worldpostday #पोस्टडे #विश्वडाकदिवस