|| कहीं देर ना हो जाए || शिकवा गिला जो भी है वहीं छोड़ आगे बढ़ते चले हर रिश्ते की क्यों ना शुरुआत, शुरू से करते चले मिल जाता है जब भी वो कहीं यूं ही दिल के जो भी है जज़्बात ,क्यों ना उनसे कहते चले चैन मिलता है उस दिन जब दिख जाता है वो बेचैनियां कितनी है उनके बिन क्यों ना उन्हें ये दिखाते चलें कदर नहीं है उनको इन एहसासों की मेरे हर क़िस्से को हँस के हँसी में वो उड़ाते चले बात उनकी है वह अपना जाने हम तो अपने हिस्से का प्यार उन पर लुटाते चले अनजान बन दूर बैठे हैं महफिल में की नजर से नजर ना मिले हम भी सामने आ बैठे हैं ज़िद में की देखते हैं कैसे अब नजर से नजर ना मिले इश्क हो रहा है अब उन्हें भी हमसे कि खुद के दिल से वो नाक़ाम होते चले जा रहा हूं दूर कि,अब ये सफर खत्म होने को है आख़िरी बार उनसे हम अब दुआ-सलाम करते चले @विकास #LastDay @कहीं देर ना हो जाये #विकास शर्मा