धूल से सनी किताबें खुली हवा में साँस लेना चाहती हैं, मग़र दब जाती हैं या फिर दबा दिया जाता है, जिन्दा लाश की तरह पड़ी रहती हैं, इन्तज़ार के सिवा कुछ रह ही नहीं गया, मन मसोस कर अपनी सौतन को देखती हैं और उसकी किस्मत से बस जलती रहती हैं। #हवा #साँस #किताबें #सौतन #किस्मत #इन्तज़ार #yqhindi #bestyqhindiquotes