मेज़ पे मय, मैं छू नहीं सकता! वुज़ू है, हो बेवुज़ू नहीं सकता اا Do read Caption.... 👇 मय का अर्थ तो शराब🍺होता है मगर "वुज़ू" इसका कोई अर्थ नहीं है🧐, यानी के मैं आपको बता सकता हूँ😊, समझा नहीं सकता😉 ا वुज़ू का शाब्दिक तर्जुमा तो नमाज़ के लिए नियमपूर्वक हाथ-पाँव और मुंह-वुंह धोना होता है😑, इससे परे ये इक एहसास है ❣️और एहसास कैसे बयां करते हैं ये इस नाचीज़ को अभी तो नहीं आया🙈, होती है ना कुछ चीजें हम सामने वाले को नहीं समझा पाते ا feelings को काग़ज पर उतारने का फ़न sexy लगता है सुनने में🔥ا शायद आप में से किसी में ये हुनर हो😊, हालांकि ये हुनर किसी एक ज़माने के इक्के-दुक्के लोगों में ही होता है💔 ا उस हुनर तक पहुँचने का ही तो सफ़र है ना ये सब लिखना वगैरह🤔 اअगर ऐसा है तो शायद वहीं कहीं मुलाक़ात हो ही जाएगी आपसे🤭 ا शब -ब- ख़ैर 💙 'Abeer ا' #cinemagraph#yqdidi #yqquotes #yqtales #yqlove #yqdiary #yqdidi #yqsharaab