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green-leaves जब आपकी आंखें, जुबान और दिमाग़ दूसरे

green-leaves जब आपकी आंखें, जुबान और दिमाग़ 
दूसरे के अनुसान देखने,बोलने और सोचने लगे।
तो आपकी प्रतिभा नगण्य 
और आप प्रतिमा बन कर रह जाते हैं।
यहीं से आपके जीवन में 
समस्याओं का जन्म होता है।
आप उस पतंग से हो जाते हैं 
जहां दुनियां को लगती है 
कि आप खुले आसमां में हो।
पर सच्चाई ये होती है 
आपकी डोर किसी गैर के हाथ होती है।
एक "मौका" 
जहां आपको चांद पर ले जा सकता है 
वहीं एक "ग़लत" इंसान 
चांद से जमीं पर ला सकता है।

©suman singh rajpoot #suman
green-leaves जब आपकी आंखें, जुबान और दिमाग़ 
दूसरे के अनुसान देखने,बोलने और सोचने लगे।
तो आपकी प्रतिभा नगण्य 
और आप प्रतिमा बन कर रह जाते हैं।
यहीं से आपके जीवन में 
समस्याओं का जन्म होता है।
आप उस पतंग से हो जाते हैं 
जहां दुनियां को लगती है 
कि आप खुले आसमां में हो।
पर सच्चाई ये होती है 
आपकी डोर किसी गैर के हाथ होती है।
एक "मौका" 
जहां आपको चांद पर ले जा सकता है 
वहीं एक "ग़लत" इंसान 
चांद से जमीं पर ला सकता है।

©suman singh rajpoot #suman