गर तुम वक्ष स्थलों से ऊपर होकर नजरें हटा सको तो जरा ध्यान देना मैं वक्ष से ऊपर भी कुछ हूँ , मैं वो स्त्री हूँ जिसका दूध पीकर तूम बड़े हुए मैं वो स्त्री हूँ जिसका हाथ पकड़कर तुम खेले और बड़े हुए , मैं वो स्त्री हूँ जिसके साथ तुम प्रेम में पड़े और जीवन मे आगे बढ़े मैं वक्ष से ऊपर भी बहुत कुछ हूँ बस थोड़ा तुम सोच से बढ़ो , खुदको एक सार्थक पुरूष कह सको , गर तुम वक्ष स्थलों से ऊपर होकर नजरें हटा सको .... #neerajwrites written on social issue