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लाख गिरें पर एक हद तक ही गिरती हैं, हालात हों या क

लाख गिरें पर एक हद तक ही गिरती हैं, हालात हों या क़ीमतें! 
हम उनकी नज़रों से क्या गिरे, बस अपनी नज़रों से गिरते चले गए...

©Shubhro K
  #16May2022
#repentance