चाहतों का हसरतों में बदलना भारी पड़ गया। गिरते गिरते फिर उठ कर संभलना भारी पड़ गया। बादलों से बाते करके बरखा से लड़ के ज़गड़ के तूफानों के साथ बरसना भारी पड़ गया। #dharmuvach ✍️ #शायरी #फिलोसोफी #काव्यपथिक #कविताएँज़िंदारहतीहैं #yqdidi #yqdidihindi #dharmuvach