White वो आज भी मेरे जेहन में कौतूहल मचाती है, छूट गया है साथ उससे, वो मुझे हर रोज रूलाती है। मैं कहता हूं हर रात, क्यों नहीं छोड़ती तेरी यादे मेरा पीछा? वो बड़ी कुटिल सी मुस्कान में ,रोज मुस्कुरा कर चली जाती है। मैंने कहां था उनको मेरी हो जा या छोड़ दें मुझे अकेला, उसकी यादें आज भी उसके वजूद की मुझे याद दिलातीं है। खोया हूं उसमें ऐसा, कि अब तक उबरा नहीं हूं, मैं था मोहब्बत में इतना ढीठ , मैं आज भी सुधरा नहीं हूं। -----------आनन्द ©आनन्द कुमार #आनन्द_गाजियाबादी #Anand_Ghaziabadi