हज़ार बार मरे हैं हम एक रिश्ता ज़िंदा रखने के लिए, भुलायी सारी ख़ुशियाँ, एक तुम्हें उम्दा रखने के लिए। मेरा प्यार काफ़ी नहीं, क्योंकि ज़रूरत हूँ ज़रूरी नहीं, कम होती रही हूँ हमेशा, तुम्हें ज़्यादा रखने के लिए। जाने क्यों नहीं देखा तुमने, होता है प्रेम का एक छोर, पीछे चलती रही हूँ हमेशा, किया वादा रखने के लिए। दिखावे का रहा ऐतबार, सच्चे दिल का एहसास नहीं, दिन-ब-दिन घटती रही हूँ तुम्हें कुशादा रखने के लिए। ख़ामोशी नहीं सुनेंगे लफ़्ज़ों की चाह रखने वाले 'धुन', खाली कर दिल, उनके दर्द का लबादा रखने के लिए। कुशादा - विस्तृत Rest Zone 'प्रेम का एक छोर - प्रेम शैली' NAPOWRIMO #restzone #rztask316 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #feelings #rzhindi #love