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मेरी महकती सांसों में तुझको बसा लूंगा। कितन



मेरी  महकती सांसों  में   तुझको  बसा लूंगा।
कितना भी बचो खुद से मैं अपना बना लूंगा।

मुझसे छुपा ओ कितना मैं तुझको चुरा लूंगा।
तेरी महक उड़ती नभ में  अपना  खुदा लूंगा।

देखो तड़प मेरी  सपनों में आ  मिलो खुद ही
तेरी  कसम से  मैं खुद  से सपना भुना लूंगा।

तोड़ेंगे कसम फिर वो हम आके मिले दिल से 
मेरी धडकनों में फिर मैं तुझको  सज़ा   लूंगा।

मौके की नजाकत को तुम समझो अभी जाने
तेरी महक खुशबू  को इक सपना बना  लूंगा।

वैसे सबक देना तुमको चढ़ता नशा दिन का 
मेरे सनम तुमको दिल से अपना दुआ लूंगा।

तेरी चमक होगी  महफ़िल में फिर नज़ारे की 
तेरी महक को दिल में ले  नगमा सज़ा लूंगा।

    के एल महोबिया

©K L MAHOBIA
  #आशिकी :- के एल महोबिया
klmahobia1677

K L MAHOBIA

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#आशिकी :- के एल महोबिया #शायरी

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