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बनो राम से तपस्वी,लंकेश जैसे ज्ञानी कौन्तेय

बनो राम से तपस्वी,लंकेश जैसे ज्ञानी
      कौन्तेय से तेजस्वी और कर्ण जैसे दानी|


read in caption... इंसान जैसे दिखते,इंसान भी बनो तुम
तमस भरा हैं दिल में दिपक जरा जलाना

ये काम क्रोध क्या हैं, ये बेड़ीयाँ हैं मन की
ये अर्थ लोभ क्या है मुझको जरा बताना

ये कौड़ीयाँ हैं भारी तुझे नीचे खीचतीं हैं 
जमीं पे क्यूँ भटकना फ़लक हो जब तुम्हारा
बनो राम से तपस्वी,लंकेश जैसे ज्ञानी
      कौन्तेय से तेजस्वी और कर्ण जैसे दानी|


read in caption... इंसान जैसे दिखते,इंसान भी बनो तुम
तमस भरा हैं दिल में दिपक जरा जलाना

ये काम क्रोध क्या हैं, ये बेड़ीयाँ हैं मन की
ये अर्थ लोभ क्या है मुझको जरा बताना

ये कौड़ीयाँ हैं भारी तुझे नीचे खीचतीं हैं 
जमीं पे क्यूँ भटकना फ़लक हो जब तुम्हारा

इंसान जैसे दिखते,इंसान भी बनो तुम तमस भरा हैं दिल में दिपक जरा जलाना ये काम क्रोध क्या हैं, ये बेड़ीयाँ हैं मन की ये अर्थ लोभ क्या है मुझको जरा बताना ये कौड़ीयाँ हैं भारी तुझे नीचे खीचतीं हैं जमीं पे क्यूँ भटकना फ़लक हो जब तुम्हारा #कविता #kaccha_shayar