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girishpandey2293
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Girish Pandey

Pen name- kaccha_shayarAn alchemist,Theic(tea boozer),Ghazal lover, Loves poetry

https://www.yourquote.in/pandeyshubh97

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Girish Pandey

तैरती लाशों का किस्सा सुनके
घाव हरे होंगे,धड़कनें तेज होंगी।

झेलम तो कभी गंगा से ना मिली।

©Girish Pandey #Ganga 
#jhelum
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Girish Pandey

मालूम हैं?
तुम्हारी आँखों में
एक दुनिया बसती हैं,
वहाँ सुबह होती है
जब तुम काजल लगाती हो।

©Girish Pandey
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Girish Pandey

वो कहता हैं मुझे ज़हनसीब अपना...
मैं ख्वाब में भी मुंतज़िर हूँ उसकी एक दीद को

तबियत नाशाद है मय को हराम मानके 
मैं पीता हूँ ना नशे को,बल्की मुफ़ीद को

मैं ताउम्र सजदें में रहूँ,तो क्या रहूँ 
सिसकीयों में बदलता हैं,लेके उम्मीद को

जिसे दैर ओ हरम में ना मिला निशान ए खुदा
लोग क़ुफ्र औ क़ाफ़िर कहने लगे मुरीद को

                         ज़हनसीब: beloved 
                         मुफ़ीद: beneficial 
                         दैर ओ हरम: मंदिर-मस्जिद 
                         कुफ्र: athiest

©Girish Pandey

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Girish Pandey

सडक अंधेरी और साथ ख्याल ढेरो
उंगली पर गिनता रहा अरमान ढेरो
मैं घबराया नहीं अधूरा ख्वाब देख कर
मैं डरता हूँ रात ठहरे न...लिए अंधकार ढेरो 
मुझे काँटो का डर दे रहा है ये जमाना 
पीठ पर हैं तलवारो के है निशान ढेरो
जमीं पे नापते फ़िरते हो क्यों अंगुल दो अंगुल
फ़लक़ पर खाली पड़ा है आसमान ढेरो
इक बूँद आंसु का बुझा दे न आगv मेरा
मैं झेल तो आया हूँ तूफ़ान ढेरो #kaccha_shayar
#insomnia
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Girish Pandey

 #kaccha_shayar
#jai_hind
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Girish Pandey

कभी हुई है तुम्हारी लडाई रातों से? 
शाम की छोटी सी बात को लेकर? #deep 
#kaccha_shayar
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Girish Pandey

क्यों शांत बैठे हो अर्जुन क्या हुए खत्म सब दुराचारी? 
या ले-देकर हो गये हो..तुम भी भ्रष्टाचारी?
क्या मौत के भय से तुम हो थर-थर कांप रहे? 
क्या चाहो की पांचाली पर कुल्टा का अभिशाप रहे? 
हे! हनु का झण्डाधारी क्यों रथ अश्व विहीन है?
क्या धर्मराज के राज में हृदय संवेदना से हीन है? 
क्या हिमालय से सिंधु तक सत्य विजय पा जाता है?
प्रत्यंचा भी कसा नहीं...क्या पाप से कोई नाता है?
क्या भूल गये की अभिमन्यु को कैसे था छला गया
या निज प्रतिशोध पूर्ण कर सारा क्रोध भी चला गया?
हे! पार्थ अगर देह चाहिए मुझको ही धारण कर लो
गर तुम रक्त पिपासु हो तो मेरे प्राण ही हर लो
पर आओ की कलयुग में तुमसे फ़रियाद लगाता हूँ 
बारम्बार मैं पाव पडूँ...तुमको सहृदय बुलाता हूँ
वही अर्जुन वही बाण हो बुला लाओ वही सारथी
चिरनिद्रा से बाहर आओ चित्कार कर रही भारती
हे!  कौन्तेय कहाँ तुम बैठे गांडीव से संधान करो
सर्पसत्र का आयोजन कर ज्वाला का आह्वान करो
तक्षक याद है? जिससे तुम्हरी माधव ने रक्षा की थी? 
हर इंसान के दिल में रहता है आओ थोडा तो पहचान करो|| #kaccha_shayar
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Girish Pandey

दुआ,इबादत,तालीम,नसीहत सब याद है ना? 
मोहब्बत में क्या क्या झेला था सब याद है ना? 
क्यों रोक रखा है यादें और वक़्त जाने दे
इनसब में क्या क्या खोया सब याद है ना? 
क्या हुआ जो चेहरा हसीन बहुत है उसका तो
जख्म देकर क्या हाल किया था सब याद है ना?
खूब गिडगिडाना, नींद में बुदबुदाना और रोना रातों को
तुम कई बार मरे हो इंतक़ाल से पहले सब याद है ना? #pain
#kaccha_shayar
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Girish Pandey

जुदाई पर मौत तो बस किस्सो में होता हैं 
मै खुद एक अरसे से खुद के बगैर जी रहा #lone 
#kaccha_shayar
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Girish Pandey

Religion जीवन रूपी माले में संस्कारो का इस तरह पिरोया जाना की जिसपर जप कर दैनिक जीवन को आधुनिक समाज के साथ ताल मेल का मार्ग मिले यही आधुनिक धर्म है 
विद्वानों के लिए उचित और अनुचित के मार्ग के बिच ऐसा मोड़ है जो आपके इह जन्म और अगले जन्म के चरित्र का निर्माण करता हैं 
अल्पज्ञानियों के लिए यह पहचान और मूढ़ो के लिए जान लेने और देने की विषयवस्तु हैं धर्म
#kaccha_shayar

धर्म #kaccha_shayar

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