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कुछ तो लिखा करो लिख लिख कर तुम भी यूं बिका करो। थो

कुछ तो लिखा करो
लिख लिख कर तुम भी यूं बिका करो।
थोड़ी सी जिंदगी है ,
ज़रा सहूलियत से जिया करो।
अल्हड़पन भी जरूरी है थोड़ा 
यूं सिकुड़े सिकुड़े से हर वक्त न रहा करो।
देखो यह सही है कि हर किसी को नसीब नही है 
मणिकर्णिका के घाट 
पर यूं हर दफा तो भीतर ही भीतर  ना जला करो।
खड़ा है समंदर बांहे फैलाए तुम कभी साहिल से आगे भी बढ़ा करो ।

©Priya
  सहूलियत

सहूलियत #शायरी

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