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Nidhi Gupta को मेरा जवाब ++++++++++++++++++++++ ईश

Nidhi Gupta को मेरा जवाब
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ईश्वर  सिर्फ  एक है और  भाषा के अनूरूप  नाम  तथा रुप  अनेक है। सत्यम
शिवम सुंदरम  यानी शिव हीं सत्य है और शिव हीं सुन्दर है । शिव  यानी शिव
लिंग निराकार  का प्रतीरुप है।निराकार हीं पार ब्रह्म परमेश्वर  है।सभी इंसान
शिव लिंग  पर , यानी निराकार , यानी  पारब्रह्म पर जल चढ़ा  कर दुनिया के
सभी दैविक  शक्तियों एवं आत्माऐ जो ब्रह्माण्ड में विचलन कर रहे हैं , उनकी
पूजा  करते हैं उन्हें खुश करते  हैं ।  इससे सभी  दैविक  शक्तियां खुश  हो कर
इंसानों का मनोकामना पूर्ण‌  करते हैं । लेकिन शिवलिंग पर यानी ब्रह्माण्ड पर
जल  चढ़ाने  वाले व्यक्ति  का  मन  दिमाग और  दिल  जल चढ़ाते  वक्त एकाग्र
होना  अनिवार्य है। दुनिया में बहुत  से  लोग खुद को गुरु बताकर अपने मन में
उपजे परमात्मा के स्वरुप  को नए-नए तरीके से सीधे साधे हिन्दुओं के सामने
परोस कर  उन्हें अपने धर्म के प्रति  भ्रमित करने का  काम करते हैं। सच  यह
है कि  लोग ग्रंथों  के शब्दों के  मायने  को  ही नहीं  समझ  पा रहे हैं । इसलिए
कुछ लोग  भगवान को  पैसा कमाने का  साधन बना रखा है । यही कारण है ,
आज  हिन्दुओं  का अंत हो  रहा  है । कारण  लोग  हिन्दू  संस्कृति  के  बारे  में
समझाने  के बजाय उसे  भ्रमित करने लग  जाते हैं।अभी भी समय है हिन्दुओं
को  भ्रमित नहीं  करें । उसे  सही  रास्ता  दिखाएं ।  हिन्दुओं  का अन्य धर्मों में
विलय होने का मुख्य कारण  हमारे पूर्वज एवं हमारेआज  के धर्म गूरु हैं । धर्म
गुरु अपने धर्म  के प्रति सजग हीं नहीं रहे हैं। अगर सजग रहते तो आज हिन्दू 
यानी दुनिया का सत्य  जानने वाला सनातनियों का विलय अधर्म प्रेमी धर्मों में
कदापि  नहीं होता। हम हिन्दू अपने  धर्मों  से प्रेम नहीं करके  नकली  धर्म  से
ज्यादा  लगाव  रखते  हैं । जबकि  दूसरे  धर्म के  लोग सिर्फ अपने धर्म से प्रेम
करते  हैं। यही सत्य  है  और  सिर्फ  सनातन हीं सत्य है और सब मित्थया है।

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आप का प्रमोद मालाकार।

©pramod malakar #सत्यम शिवम सुंदरम
Nidhi Gupta को मेरा जवाब
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ईश्वर  सिर्फ  एक है और  भाषा के अनूरूप  नाम  तथा रुप  अनेक है। सत्यम
शिवम सुंदरम  यानी शिव हीं सत्य है और शिव हीं सुन्दर है । शिव  यानी शिव
लिंग निराकार  का प्रतीरुप है।निराकार हीं पार ब्रह्म परमेश्वर  है।सभी इंसान
शिव लिंग  पर , यानी निराकार , यानी  पारब्रह्म पर जल चढ़ा  कर दुनिया के
सभी दैविक  शक्तियों एवं आत्माऐ जो ब्रह्माण्ड में विचलन कर रहे हैं , उनकी
पूजा  करते हैं उन्हें खुश करते  हैं ।  इससे सभी  दैविक  शक्तियां खुश  हो कर
इंसानों का मनोकामना पूर्ण‌  करते हैं । लेकिन शिवलिंग पर यानी ब्रह्माण्ड पर
जल  चढ़ाने  वाले व्यक्ति  का  मन  दिमाग और  दिल  जल चढ़ाते  वक्त एकाग्र
होना  अनिवार्य है। दुनिया में बहुत  से  लोग खुद को गुरु बताकर अपने मन में
उपजे परमात्मा के स्वरुप  को नए-नए तरीके से सीधे साधे हिन्दुओं के सामने
परोस कर  उन्हें अपने धर्म के प्रति  भ्रमित करने का  काम करते हैं। सच  यह
है कि  लोग ग्रंथों  के शब्दों के  मायने  को  ही नहीं  समझ  पा रहे हैं । इसलिए
कुछ लोग  भगवान को  पैसा कमाने का  साधन बना रखा है । यही कारण है ,
आज  हिन्दुओं  का अंत हो  रहा  है । कारण  लोग  हिन्दू  संस्कृति  के  बारे  में
समझाने  के बजाय उसे  भ्रमित करने लग  जाते हैं।अभी भी समय है हिन्दुओं
को  भ्रमित नहीं  करें । उसे  सही  रास्ता  दिखाएं ।  हिन्दुओं  का अन्य धर्मों में
विलय होने का मुख्य कारण  हमारे पूर्वज एवं हमारेआज  के धर्म गूरु हैं । धर्म
गुरु अपने धर्म  के प्रति सजग हीं नहीं रहे हैं। अगर सजग रहते तो आज हिन्दू 
यानी दुनिया का सत्य  जानने वाला सनातनियों का विलय अधर्म प्रेमी धर्मों में
कदापि  नहीं होता। हम हिन्दू अपने  धर्मों  से प्रेम नहीं करके  नकली  धर्म  से
ज्यादा  लगाव  रखते  हैं । जबकि  दूसरे  धर्म के  लोग सिर्फ अपने धर्म से प्रेम
करते  हैं। यही सत्य  है  और  सिर्फ  सनातन हीं सत्य है और सब मित्थया है।

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आप का प्रमोद मालाकार।

©pramod malakar #सत्यम शिवम सुंदरम

सत्यम शिवम सुंदरम