*बीवी की बातें* मेरी सूरत देखकर , भर लो अपना पेट । मर जाए हम भूख से , बने रहो तुम मेट ।। १ काम धाम कुछ है नहीं , पियो बैठकर चाय । दो-दो बच्चे पालने , कैसे होगी आय ।। २ ऐसे बुद्धू से यहां , पाला पडा हमार । मेरी तो मति मर गई , तुमको सुनो पुकार ।। ३ काम धाम के नाम पर , बस करते पर पंच । बन बैठे हो गाँव के , तुम कैसे सरपंच ।। ४ नजर घुमाकर देख लो , अपना घर परिवार । अब ऐसी स्थिति आ गई , करो कोई विचार ।। ५ काम धाम कुछ है नहीं , पियूँ बैठकर चाय । तुझे देखकर अब मुझे , सूझे बड़े उपाय ।। ६ ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *बीवी की बातें* मेरी सूरत देखकर , भर लो अपना पेट । मर जाए हम भूख से , बने रहो तुम मेट ।। १ काम धाम कुछ है नहीं , पियो बैठकर चाय । दो-दो बच्चे पालने , कैसे होगी आय ।। २