फूल हूँ मैं वो, महक हो तुम जिसकी सूरज हूँ मैं वो, रोशनी हो तुम जिसकी दीपक हूँ मैं वो, बाती हो तुम जिसकी डंठल हूँ मैं वो, कली हो तुम जिसकी टहनी हूँ मैं वो, पत्तियां हो तुम जिसकी कलम हूँ मैं वो, स्याही हो तुम जिसकी न तो तेरी कोई पहचान है बिना हमारे न तो मेरा वजूद है कोई बिना तुम्हारे #love #shayree #life