ज़िन्दगी में दो मिनट पास बैठा न कोई आज सभी मुझे घेरे हुए बैठे जा रहे थे। ग़म-ए-वक़्त में पूछा न किसी ने हालात आज सभी अपने आँसू बहाए जा रहें थे। बोल न सका प्यार से मीठे दो शब्द कोई आज सब मेरे बारे में बात किये जा रहे थे। चल न सका साथ कोई दो क़दम कहने पे आज सब काफिला बनकर चले जा रहें थे। तरस गया किसी के दिए हुए रुमाल को आज नए-नए कपड़े पहनाए जा रहे थे। दे न सका तौफा साँचा वो अपनेपन का आज नए ताज़े फूल बिछाए जा रहे थे। मौत इतनी हसीन होगी ये आज पता चला कमबख्त., हम तो ऐसे ही जिये जा रहे थे। ©ALOK Sharma...✍️ #ज़िन्दगी में दो मिनट पास बैठा न कोई आज सभी मुझे घेरे हुए बैठे जा रहे थे। #ग़म-ए-#वक़्त में पूछा न किसी ने हालात आज सभी अपने #आँसू बहाए जा रहें थे। बोल न सका प्यार से मीठे दो #शब्द कोई आज सब मेरे बारे में बात किये जा रहे थे।