मैंने देखा था पापा की डायरी में कुछ चिट्ठियां लगे थे कुछ धब्बे उसमे और कुछ फटे थे लेकिन पापा ने उसे बड़े ही प्यार से संभाल के रखे थे कहते है पापा अब चिट्ठियों का वो दौर कहा तेरे दादा को गुजरे जमाने हुए कई साल हुये बाबा के वो प्यार भरे एहसास नही छुय अब नहीं आती है चिट्ठियाँ मिलती नही वो सुगंध वाली मिट्टियां बाबा के वो शब्द और माँ का वो अश्क आती नही अब सर्दियों में माँ के हाथो की गर्माहट वाले स्वेटर अब पीठ खुद ही थपथपाने पड़ते है आते नहीं बाबा के हौसले बढ़ाने वाले खत ✍️रिंकी वो चिट्ठियाँ खो गईं। #चिट्ठियाँ #collab #yqdidi .... नए, सुंदर #cinemagraph को पाने के लिए योरकोट प्रीमियम में अपग्रेड करें। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi