पाक रुखसार है और आंखों में तराना है नशा आखों ऐसा जैसे कोई मयखाना है खुली जुल्फें हैं ऐसी जैसे काले बादल हों बस इसी अदा पर फ़िदा सारा ज़माना है ©I N #NationalSimplicityDay