उठे हाथ जब भी मदद को मेरे काले बादल मंडरा गए आपत्ति हुई उन लोगो को देख जग में आगे,वो मुझसे कतरये। मुझसे बाते न करके करके मुझे आहत पहुंचने लगे देख मुझे आगे बढ़ते वो मुझसे दूर भाग जाने लगे, मेरी हिम्मत का गुलदस्ता खिला मेरी जज्बातों का, उठते मेरे मदद के हाथ मुझसे ही कतराने लगे ©Manavata Tripathi (Tejashvi) #मदद #helping #poem #कविता #mtt1507